देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में भी कोरोना वायरस के चलते लोग घरों में कैद हो चुके हैं। इनमें कुछ ऐसे भी हैं जो निःशक्त हैं। महानगर में अकेली रह रही एक ऐसी ही दिव्यांग युवती ने परेशान होकर ट्विटर पर राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख से मदद मांगी। तरकीब काम आई। गृहमंत्री का फोन आते ही स्थानीय पुलिस उसकी मदद के लिए दौड़ पड़ी और अब वह निश्चिंत है।
मुंबई के पश्चिमी उपनगर मालाड इलाके में रहने वाली दिव्यांग युवती विराली मोदी ने ट्विटर के माध्यम से गृहमंत्री से अपनी समस्या साझा की थी। मोदी ने कहा था कि वे चलफिर नहीं सकतीं और घर में अकेली रहती हैं। कोरोना के चलते उनके घर का कामकाज करने वाली महिला ने भी आना बंद कर दिया है। खाने से लेकर वह दूसरे बुनियादी कामकाज के लिए भी अपनी काम वाली बाई पर निर्भर थी। अब बाई नहीं आ रही, इसलिए उसकी परेशानी बढ़ गई है।
गृहमंत्री अनिल देशमुख ने इस ट्वीट का फौरन संज्ञान लिया और स्थानीय पुलिस स्टेशन को तत्काल विराली की मदद करने का निर्देश दिया। पुलिस निरीक्षक जॉर्ज फर्नान्डिस की टीम 25 मिनट के भीतर विराली के घर पहुंच गई और उसे जरुरी मदद उपलब्ध कराई। आगे विराली को कोई परेशानी न हो, इसकी व्यवस्था भी की गई है। विराली मोदी की मदद के लिए अब ड्राइवर भी उपलब्ध कराया गया है। पुलिस से मिले सहयोग से खुश विराली ने गृहमंत्री व पुलिस के प्रति आभार व्यक्त किया है।
मानवीय पहलू को नजरंदाज नहीं कर सकते - देशमुख
गृहमंत्री देशमुख ने कहा कि कोरोना से हम करीब-करीब आधी लड़ाई जीत चुके हैं। कोरोना के चलते पैदा हुई स्थिति के बावजूद हम मानवीय पहलू को नजरअंदाज नहीं कर सकते। हम नागरिकों को आश्वस्त करना चाहते है कि कोरोना के चलते उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है। सरकार लोगों को हर संभव सहयोग प्रदान करेगी और मुसीबत में फंसे हर व्यक्ति तक पहुंच कर उसकी मदद करेगी।