'बीटलजूस' खत्म हो रहा आसमान के सबसे चमकीले तारों में शुमार

हमारे आसमान से नजर आने वाले सबसे चमकीले तारों में से एक बीटलजूस ने अक्तूबर 2019 से अजीब व्यवहार करना शुरू कर दिया है। वह अपनी चमक खो रहा है, आकार बदल रहा है। कई वैज्ञानिकों ने चिंता जताई है कि शायद यह बीटलजूस का आखिरी समय है। यह अंत वैसा ही होगा जैसा आमतौर पर तारों का होता है, यानी सुपरनोवा विस्फोट।



क्या होगा सुपरनोवा में
तारों का खत्म होना सुपरनोवा नामक अद्भुत खगोलीय घटना के रूप में जाना जाता है। इसमें तारे पर मौजूद नाभिकीय फ्यूजन खत्म होने लगता है।


हम नहीं देख पाएंगे सुपरनोवा
अगर बीटलजूस सुपरनोवा में बदलता है, तो इसमें कुछ सौ से हजारों वर्ष तक लग सकते हैं। संभव है कि हम इसे न देख पाएं। जब यह होगा, तो पृथ्वी पर कई हफ्तों तक रात को चंद्रमा की चांदनी के बराबर रोशनी पहुंचाता रहेगा।


बीटलजूस की हाई रेजोल्यूशवन तस्वीरें की तैयार
डॉ. मिगेल मोंतार्जी के नेतृत्व में खगोलविज्ञानियों ने चिली स्थित दक्षिण यूरोपीय वेधशाला से बीटलजूस की हाईरेजोल्यूशवन तस्वीरें तैयार की। इन्हें साझा कर बताया कि यह अपने गोल आकार की बजाय अंडाकार में बदल रहा है। धरती से 700 प्रकाशवर्ष दूर स्थित दानवाकार लाल तारा बीटलजूस वैसे तो हमेशा ही अजीब व्यवहार करता रहा। यह आकार में बढ़ता और कम होता रहा है तो वहीं इसकी चमक भी बढ़ती-घटती रहती है।


अब 21 में
सितंबर 2019 से अब तक इसका तापमान 729 डिग्री सेल्सियस घटा है। इसी वजह से इसकी चमक घट रही है और अब इसे 10 के बजाय 21 सबसे चमकदार तारों में गिना जा रहा है। इसी वर्ष शुरू में बीटलजूस के आसपास से तेज गुरुत्वाकर्षण लहरें आती हुई दर्ज की गईं।